पटाखों के इस नुकसान की आपने कल्‍पना भी नहीं की होगी

पटाखों के इस नुकसान की आपने कल्‍पना भी नहीं की होगी

सेहतराग टीम

पटाखों से धन और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में तो सभी जानते हैं मगर इसके अलावा अब इसका एक ऐसा नुकसान सामने आया है जो पटाखों को सामान्‍य जन के लिए भारी अहितकर साबित कर रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का दावा है कि पिछले साल दीपावली के बाद पटाखों के प्रत्यक्ष या परोक्ष संपर्क में आने से कई मरीजों के मूत्र के नमूनों में सीसे समेत भारी तत्वों की ज्यादा मात्रा पाई गई। गौरतलब है कि भारी धातुएं मानव शरीर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं। भारी धातुओं की विषाक्तता केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी और जठरांत्रिय तंत्र को बर्बाद कर सकती हैं।

सीपीसीबी के निर्देश पर सेंटर फॉर ऑक्युपेशनल एंड एनवायरमेंटल हेल्थ ने 2017 में एक अध्ययन किया था जिसके मुताबिक जिन समूहों के नमूने लिए गए उनकी आंखों में दीपावली के बाद ज्यादा पानी आ रहा था, आंखें लाल थीं और उनमें जलन की भी शिकायत थी।

उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सीपीसीबी की तरफ से इस साल 19 दिसंबर को यह अध्ययन सार्वजनिक किया गया। न्यायालय ने निर्देश दिया था कि वह प्रदूषण के नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों को लेकर 2010 से अब तक हुए सभी अध्ययनों को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करे। इस अध्ययन के तहत दशहरे के बाद की अवधि में 470 लोगों और दीपावली के बाद 787 लोगों के पीतमपुरा, कोटला, सिरी फोर्ट और परिवेश भवन इलाके में नमूने लिए गए।

यह अध्ययन दिखाता है कि इस अवधि के दौरान कई लोगों के मूत्र के नमूनों में सीसे, बेरियम और स्ट्रोनटियम की ज्यादा मात्रा दर्ज की गई। 

अध्ययन में कहा गया, ‘यह कुछ धातुएं हैं जिनका इस्तेमाल पटाखों के निर्माण में होता है। मूत्र में इनका बढ़ा स्तर इनके संपर्क में आने की संभावना को परिलक्षित करता है। हालांकि, बाकी सभी तत्वों (पटाखों में मौजूद) की बढ़ोतरी नहीं हुई जिससे पटाखे फोड़े जाने के प्रभावों को मजबूती मिल सके।’ 

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